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Friday, 14 September 2018

( Mithi byar ) मीठी बयार

अठखेलियां करती हूं दिन भर
मुझसे खुशनुमा ये अंबर
कभी बरसादूं पुष्प इत्र
तो कभी लादूं खुशनुमी बहार
मेरी एक पुकार सुन आ जाए जलधर
मेरे झोंके भर से महक जाए उपवन चहुं ओर
लो मैं आ गई समाकर प्यार ही प्यार
मैं ही तो हूं आपकी अपनी मीठी बयार ....
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.-AG