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Sunday, 12 October 2014

Short story :- Hathi - Chuha

फ्रेंड्स फॉरएवर 

हमने चूहे और हाथी की बहुत सी कहानियाँ सुनी हैं । साथ ही हाथी और चूहे के चुटकुले पढ़कर बहुत गुदगुदाए भी हैं । तो फिर अब पढ़िए हाथी और चूहे की दोस्ती की दिलचस्प कहानी ………। 
    
एक बार की बात है एक बड़े से  उपवन में एक नंदू हाथी और चम्पू चूहा रहता था । दोनों बड़े ही अच्छे दोस्त थे । चम्पू हर काम में उसकी मदद करता। एक बार की बात है, नंदू का पैर शिकारी द्वारा लगाए गए जाल में फंस गया और नंदू किसी भी तरह निकल नहीं  पा रहा था , नंदू को बहुत दर्द हो रहा था, वो किसी भी तरह उसे निकल नहीं  पा रहा था। चम्पू ने जाल को कुतर दिया और उसकी मदद की।  इस तरह दोनों की दोस्ती की मिसाल पूरे जंगल में दी जाती थी। दोनों जंगल की खूब सैर करते व इधर से उधर इठलाते हुए घूमते और सभी की मदद करते। 

एक दिन बहुत बुरी घटना घटी। जंगल में बहुत भयानक आग लग गई।  अधिकतर पेड़ जल गए और गर्मी के कारण तालाब का पानी भी सूख गया। इस कारण  हाथियों लिए खाने पीने को कुछ भी नहीं  बचा। इसलिए नंदू को  उपवन छोड़ना पड़ा और चम्पू से दूर जाना पड़ा। दोनों बहुत ही उदास थे, पर कर क्या सकते थे, नंदू को तो जाना ही था। 

चम्पू बहुत ही दुखी  रहने लगा। उसने खाना तक छोड़ दिया। उसके  माँता-पिता को कुछ समझ नहीं  आ  रहा था कैसे चम्पू की उदासी  भगाई जाए , तभी उन्होंने सोचा क्यों न कहीं पास के जंगल में सैरसपाटा किया  जाए। तो वे  चम्पू को लेकर पास के जंगल में घूमने के  लिए निकल पड़ते हैं। 

वे उस जंगल ने अच्छे-अच्छे नजारे देखते हैं। तभी चम्पू को प्यास लग आती  है और वो आस पास कहीं पानी ढूंढने निकल जाता है। पर उसे पानी नहीं मिलता। तभी देखता है सामने से हाथियों का झुण्ड दौड़ते हुए आ  रहा है। वो उनमें से किसी से पूछता है , अरे  भाई यहां कहीं पानी है क्या , उनमें  से एक बताता है आगे चल कर थोड़ी दूर पर  है और  वो आगे बढ़ जाता है। फिर उसे दूर आगे एक तालाब दिखाई देता है वो वहां पहुंच जाता है। पर ये क्या वहां तक जाना तो बहुत मुश्किल है , क्योंकि वहां पहुंचने से पहले एक बड़ी सी चट्टान को पार करना पड़ेगा , जो एक छोटे से चूहे के लिए बहुत मुश्किल है।  वो निराश हो  जाता है।


 तभी वो देखता है कोई दूर से तूफान की जैसा दौड़ते हुए एक इठलाता हुआ छोटू सा हाथी आता  है, वो चम्पू के सामने आकर एक दम से  रुक जाता है और पूछता है छुटकू क्या हुआ तुझे , चम्पू  उसे देख कर चौंक जाता है और अपने दोस्त को देख कर अत्यधिक प्रसन्न हो जाता है। नन्दू भी उसे पहचान लेता है। फिर चम्पू आराम से नंदू की पीठ पर बैठकर तालाब तक पहुंचता है और अपनी प्यास बुझाता है। एक बार फिर दोनों पहले की तरह मस्ती करते हुए पूरा जंगल घूमते हैं और वे फिर से एक साथ उसी जंगल में रहने लगते हैं।                      








  

Tuesday, 23 September 2014

anything: चिंतन शिक्षक  आकलन जरुरी

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short story- Jaduai Chhadi

जादुई छड़ी 

एक बार  की  बात  है  बंगाल  के  कोलकाता में एक छोटा सा परिवार रहता था। जिसमें  2 छोटी - छोटी बच्चियां थीं व उनके माता पिता।  बड़ी का नाम निम्मी था और छोटी का नाम जानिया  । जो बड़े वाली थी उसके शौक बड़े ही निराले थे, उसको घूमना बहुत पसंद था । अभी स्कूल की छुट्टियाँ हुए कुछ ही दिन हुए थे की निम्मी घर पर बोर होने लगी ;तभी उसके दिमाग में एक आईडिया आया , क्यों न कहीं घुमंकर आया जाए । 

तभी उसे पापा दिखे , उसे लगा पापा जल्दी मन जाएंगे , इसलिए इन्ही से बात की जाए । निम्मी बोलती है पापा मैं घर पर उक्ता गई हूँ क्यों न कहीं घूम कर आया जाए ।  पापा  ने पूछा कहां  जाना चाहोगी ? वो बोली  सुंदरबन के जंगल चलें । पापा मान गए । अगले ही दिन जाने का प्लान बन गया । सुबह करीब 6  बजे घर के  बाहर सब तैनात खड़े थे । निम्मी व जानिया तो ख़ुशी व उल्लास से भरे हुए थे , सबने रास्ते के लिए सामान  भी जुटा लिआ था । साथ ही वहां जंगल में मदद के लिए एक लट्ठी भी रख ली थी । सभी गाड़ी में बैठे, सफर पर चल दिए । जैसे ही थोड़ी दूर पहुंचे जानिया को भूख लग गई । निम्मी को जैसे ही रास्ते में मैक्डोनाल्ड दिखा दोनों वहां जाने की  जिद करने लगे | फिर वहां सभी ने पेट पूजा की और गाड़ी में आकर बैठ गए।  

तभी थोड़ी देर बाद निम्मी ने जैसे ही लट्ठी को देखा उसे अजीब सा लगा । उसने मम्मी  से कहा ," माँ  देखिये तो इस लकड़ी का रंग बदल गया है । ये  वो नहीं है  ।" माँ बोली "ये वही है ,  तुझे वैसे ही लग रहा है । " निम्मी बोली ,"नहीं ऐसा  लग रहा है  किसी  ने इस पर चमकीली छिड़क दी हो " । माँ बोलीं," तुझे वहम हो रहा है । कुछ ही समय बाद सुंदरबन आ गया । सभी जंगल देखने को उत्सुक  थे। उन्होंने  एक गाइड लिया और जंगल की और बढे । सभी हरे -भरे जंगल को देख कर उल्लासित थे । किसी-किसी पेड़ के पत्ते तो मनुष्य की लम्बाई के आकर के थे ।  

तभी अचानक एक घटना घटी । जानिया उनके साथ नहीं  थी । वे  हैरान -परेशान उसे ढूंढने लगे और इतने बड़े जंगल में ढूढे भी तो कहां ढूंढें ।  निम्मी थोड़ा पीछे रह गई और थककर  और एक पत्थर पर बैठ गई और लकड़ी से उसे साफ करने लगी । जैसे ही उसने लकड़ी  को  पत्थर से छुआ  वह गोल-गोल घूमने लगी और निम्मी को लगा जैसे की वह उड़ रही है, साथ ही जो लकड़ी उसके हाथ में थी वो  जादुई छड़ी की  भांति दिखने लगी ।  फिर उसने  उड़ते-उड़ते  जानिया को ढून्ढ लिआ और उड़ते-उड़ते अपने मम्मी-पापा के पास ले गई । फिर वे सब  जंगल घूम कर घर लौट आए । अगले दिन  जानिया ने पूरी  कहानी दोस्तों को सुनाई कैसे निम्मी ने  उसको बचाया। अब जब भी कोई मुश्किल में होता तो  जानिया अपनी जादुई छड़ी से  उसकी मदद करती ।      

Thursday, 27 February 2014

Hindi | Maharaji | Prem Rawat | Websites

Cute Story - Mosquito

cute story ....


aj breakfast karne baithi to akeli thi..,
koi sath dene ko nhin tha...,
tabhi ek machhar pas akar baith gya..,
to socha isse hi bat krlun.., 
to mane bat shuru ki..,
maine kha ajao nashta karlo..,
par vo udas ho gya.. or bola.. ajkal subah ka khana to koi nhin deta .., 
din bde khrab chal rhe hain..mughe apna bhojan nhin milta..,
to mane poochha kya chahiye tumhen.., vo bola  mughe meetha - meetha khoon chahiye.. par sab ODOMOS lga kar sote hain..; 
islie ham bimar pad rhe hain..,
mane kha aj kuchh nya try karlo..,
usne nakar chakar ki par akhir me man gya..,
mai Sandwitch kha rhi thi..,
mane use vahi khane ko diya..,
usne kha ye to bda tasty hai...,
aisa lag rha hai jase jannat me agya hun..,
machhar ne kha age se hmm bhi yhi khaenge..........